इस परिवार के मुखिया अब्दुल रज्जाक मेमन थे, जो एक कारोबारी थे. वह अपनी पत्नी हनीफा और छह बेटों के साथ मुंबई के भिंडी बाजार इलाके में रहते थे. परिवार का सबसे छोटा बेटा इब्राहिम उर्फ टाइगर मेमन 80 के दशक में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के संपर्क में आया और उसके काले धंधे से जुड़ गया. टाइगर मेमन का दूसरा भाई याकूब मेमन एक चार्टेड अकाउंटेंट था. वह भी अपने भाई टाइगर के काले धंधे से जुड़ गया. याकूब का काम था टाइगर की काली कमाई को सुरक्षित ठिकाने लगाना.
मुंबई में 12 अप्रैल 1993 के दिन स्टॉक एक्सचेंज बिल्डिंग से शुरू होकर अलग-अलग जगहों पर 12 धमाके हुए. इस सीरियल ब्लास्ट में 257 लोग मारे गए थे और 700 लोग घायल हुए. इन धमाकों का मास्ट माइंड दाऊद इब्राहिम था, जो दुबर्ह भाग चुका था और अब पाकिस्तान में पनाह लिए हुए है. टाइगर दाऊद का खास गुर्गा था. 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट के बाद वह भी उसके साथ दुबई फरार हो चुका था.